सजकर आते देख,
क्यों तूने सजना छोड़ दिया...
प्रसंशा करता तू भी,
इसके शीघ्र सज कर आने की...
किन्तु कैसे भूल गया वो शब्द?
कैसे नाकारा निरंतर गूंजते साज को?
जो कहता रहा--
सजना है तुझे,
सजना है तुझे,
सुन्दर ----अतिसुन्दर---सर्वसुन्दर!
अरे भैया!
पहले सज नहीं पाए तो दुखी हो गए!
यहाँ प्रतिस्पर्धा तो सबसे सुन्दर सजने की थी!
सबसे पहले सजने की नहीं!
जब कूदे थे इस सजने की दौड़ में
तब क्यों ना सजने का पूरा नियम पढ़ा!
गलती हुई है,
अब सजा भुगत रहे हो!
लेकिन अब याद दिला दूँ मैं...
सजने की प्रतिस्पर्धा अब भी चल रही है,
और लोगो का सजना जारी है!
सजने के सामान की कमी नहीं है तेरे पास अब भी!
और अब भी उद्देश्य वही है!
सजना है तुझे,
सजना है तुझे!
सुन्दर--अतिसुन्दर---सर्वसुन्दर!
क्यों तूने सजना छोड़ दिया...
प्रसंशा करता तू भी,
इसके शीघ्र सज कर आने की...
किन्तु कैसे भूल गया वो शब्द?
कैसे नाकारा निरंतर गूंजते साज को?
जो कहता रहा--
सजना है तुझे,
सजना है तुझे,
सुन्दर ----अतिसुन्दर---सर्वसुन्दर!
अरे भैया!
पहले सज नहीं पाए तो दुखी हो गए!
यहाँ प्रतिस्पर्धा तो सबसे सुन्दर सजने की थी!
सबसे पहले सजने की नहीं!
जब कूदे थे इस सजने की दौड़ में
तब क्यों ना सजने का पूरा नियम पढ़ा!
गलती हुई है,
अब सजा भुगत रहे हो!
लेकिन अब याद दिला दूँ मैं...
सजने की प्रतिस्पर्धा अब भी चल रही है,
और लोगो का सजना जारी है!
सजने के सामान की कमी नहीं है तेरे पास अब भी!
और अब भी उद्देश्य वही है!
सजना है तुझे,
सजना है तुझे!
सुन्दर--अतिसुन्दर---सर्वसुन्दर!
यहाँ सबसे पहले सजने की कोई होड़ नहीं है!
गूंज झाझारिया --
गूंज झाझारिया --
aapki rachna -
जवाब देंहटाएंhttp://bulletinofblog.blogspot.com/2011/12/14.html
dhanywaad apka
जवाब देंहटाएंsajnee ka sajna achchha laga:)
जवाब देंहटाएंbulletin blog ne achchhe blog ki yatra karwa di:)
बेहतरीन भाव!
जवाब देंहटाएंसादर
नयी तरह की सज्जा अच्छी लगी .....
जवाब देंहटाएंकल 25/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
सजने के सामान की कमी नहीं है तेरे पास अब भी!
जवाब देंहटाएंऔर अब भी उद्देश्य वही है!
सजना है तुझे,
सजना है तुझे!
sundar....
www.poeticprakash.com
अलग अंदाज... सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंमेरी क्रिसमस.
सुंदर रचना ....क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएं